64 योगिनी मंत्र (64 Yogini Mantra)



64 योगिनी मंत्र (64 Yogini Mantra)

ॐ काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा।

ॐ कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा।

ॐ कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा।

ॐ कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा।

ॐ विरोधिनी विलासिनी स्वाहा।

ॐ विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा।

ॐ उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा।

ॐ उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा।

ॐ दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा।

ॐ नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा।

ॐ घना महा जगदम्बा स्वाहा।

ॐ बलाका काम सेविता स्वाहा।

ॐ मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा।

ॐ मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा।

ॐ मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा।

ॐ महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा।

ॐ कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा।

ॐ भगमालिनी तारिणी स्वाहा।

ॐ नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।

ॐ भैरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा।

ॐ वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा।

ॐ महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा।

ॐ शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा।

ॐ त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा।

ॐ कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा।

ॐ नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा।

ॐ नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा।

ॐ विजया देवी वसुदा स्वाहा।

ॐ सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा।

ॐ ज्वालामालिनी नागिनी स्वाहा।

ॐ चित्रा देवी रक्तपुजा स्वाहा।

ॐ ललिता कन्या शुक्रदा स्वाहा।

ॐ डाकिनी मदसालिनी स्वाहा।

ॐ राकिनी पापराशिनी स्वाहा।

ॐ लाकिनी सर्वतन्त्रेसी स्वाहा।

ॐ काकिनी नागनार्तिकी स्वाहा।

ॐ शाकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा।

ॐ हाकिनी मनोहारिणी स्वाहा।

ॐ तारा योग रक्ता पूर्णा स्वाहा।

ॐ षोडशी लतिका देवी स्वाहा।

ॐ भुवनेश्वरी मंत्रिणी स्वाहा।

ॐ छिन्नमस्ता योनिवेगा स्वाहा।

ॐ भैरवी सत्य सुकरिणी स्वाहा।

ॐ धूमावती कुण्डलिनी स्वाहा।

ॐ बगलामुखी गुरु मूर्ति स्वाहा।

ॐ मातंगी कांटा युवती स्वाहा।

ॐ कमला शुक्ल संस्थिता स्वाहा।

ॐ प्रकृति ब्रह्मेन्द्री देवी स्वाहा।

ॐ गायत्री नित्यचित्रिणी स्वाहा।

ॐ मोहिनी माता योगिनी स्वाहा।

ॐ सरस्वती स्वर्गदेवी स्वाहा।

ॐ अन्नपूर्णी शिवसंगी स्वाहा।

ॐ नारसिंही वामदेवी स्वाहा।

ॐ गंगा योनि स्वरूपिणी स्वाहा।

ॐ अपराजिता समाप्तिदा स्वाहा।

ॐ चामुंडा परि अंगनाथा स्वाहा।

ॐ वाराही सत्येकाकिनी स्वाहा।

ॐ कौमारी क्रिया शक्तिनि स्वाहा।

ॐ इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्रिणी स्वाहा।

ॐ ब्रह्माणी आनन्दा मूर्ती स्वाहा।

ॐ वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा।

ॐ माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा।

ॐ लक्ष्मी मनोरमायोनि स्वाहा।

ॐ दुर्गा सच्चिदानंद स्वाहा।

कौन है 64 योगनियाँ( Who is 64 Yogini)

श्री अग्नि पुराण के 52वे अध्याय में 64 योगनियों के बारे में बताया गया है जिसके अनुसार योगनियाँ 8 अथवा 4 हाथों से युक्त होती है ,ये अपनी इच्छानुसार शस्त्र धारण करती है। तथा ये अपने उपासको को सम्पूर्ण सिद्धियां प्रदान करती है। स्कंदपुराण के कशी खंड के अनुसार एक बार भगवान शिव ने 64 योगनियों को काशी धर्मपरायण राजा दिवोदास का दोष देखने के लिए भेजा। 12 महीनो तक निरंतर कोई दोष न मिलने पर पुनः वे सभी वापस मंदिराचल आ गई।

64 योगनियों के बारे में 2 कथाये और प्रचलित है जिसमे पहली कथा के अनुसार एक पुरुष में 32 कलाओं में पूर्ण होता है ठीक उसी प्रकार एक महिला भी 32 कलाओं में पुराण होती है इसी प्रकार शिव शक्ति के मेल से 64 योगनियों का जन्म माना जाता है।

दूसरी कथा के अनुसार 8 देविओं ने शुम्भ निशुम्भ और रक्तबीज राक्षसो के विरुद्ध युद्ध में माँ दुर्गा का साथ दिया था। और माँ दुर्गा ने स्वयं इन देविओं की रचना की थी। इनमे से 7 शक्तियां देवों के ही रूप में नारी शक्ति के रूप में जानी जाती है। ये 7 देवियां अपने पति के वाहन और उनके अस्त्रों के साथ उपस्तिथ होती है 8वी माता के रूप में स्वयं काली होती है। हर एक माता के लिए सहायक 8 शक्तियां है जिनसे इनकी संख्या 64 हो जाती है और इन्हे 64 योगनी कहा जाता है।

64 योगनी में प्रमुख रूप से 8 योगनियों के नाम पाए जाते है वास्तव में ये नाम इनके समूहों के नाम है जिसमे प्रत्येक समूह में 8 देवियां है इस प्रकार सभी को मिलकर 64 योगनियाँ हो जाती है।

योगनियों के इन 8 समूह के नाम दो जगहों पर अलग -अलग बताया गया है।

कुछ पुस्तकों के अनुसार –

1. सुर -सुंदरी योगनी

2. मनोहरा योगनी

3. कनकवती योगनी

4. कामेश्वरी योगनी

5.रति सुंदरी योगनी

6. पद्मिनी योगनी

7. नतिनी योगनी

8. मधुमती योगनी

शास्त्रों तथा पुराणों के अनुसार शक्ति उपासना में पाए जाने वाले 
8 देवियों के नाम इस प्रकार है –

ब्रम्हाणी

माहेश्वरी

कौमारी

वैष्णवी

वाराही

ऐन्द्री

चामुंडा

महाकाली

64 योगिनी मंत्र विधि (64 Yogini Mantra Vidhi)सबसे पहले, एक स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं और अपने सामने एक 64 योगिनियों का चित्र या प्रतिमा रखें।
देवी के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करे।
अपने दोनों हाथों को जोड़कर, अपने हृदय के स्थान पर रखें।
आंखें बंद करके, मंत्र का जाप करें।
मंत्र का जाप करते समय, 64 योगिनियों की कल्पना करें।
मंत्र का जाप 108 बार करे।

64 योगिनी मंत्र लाभ (64 Yogini Mantra Benefit)

सिद्धि प्राप्ति

64 योगिनी मंत्र का जाप करने से सिद्धि प्राप्त होती है। जिससे वह अपने जीवन में सभी प्रकार की सफलता प्राप्त कर सकता है।

धन-धान्य की प्राप्ति

64 योगिनी देवी धन-धान्य की अधिष्ठात्री हैं। 64 योगिनी मंत्र का जाप करने से साधक को धन-धान्य की प्राप्ति होती है और वह अपने जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकता है।

सुख-समृद्धि की प्राप्ति

64 योगिनी देवी सुख-समृद्धि की अधिष्ठात्री हैं। 64 योगिनी मंत्र का जाप करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और वह अपने जीवन में आनंद प्राप्त कर सकता है।

मनोकामनाओं की पूर्ति

64 योगिनी देवी सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली हैं। 64 योगिनी मंत्र का जाप करने से साधक की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

भय और कष्टों से मुक्ति

64 योगिनी देवी भय और कष्टों से मुक्त करने वाली हैं। 64 योगिनी मंत्र का जाप करने से साधक को भय और कष्टों से मुक्ति मिलती है और वह अपने जीवन में शांति प्राप्त कर सकता है।

रोग-शोक दूर होते हैं

64 योगिनी देवी रोग-शोक दूर करने वाली हैं। 64 योगिनी मंत्र का जाप करने से साधक के रोग-शोक दूर होते हैं और वह अपने जीवन में स्वास्थ्य प्राप्त कर सकता है।

बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है

64 योगिनी देवी बुद्धि और विद्या की अधिष्ठात्री हैं। 64 योगिनी मंत्र का जाप करने से साधक की बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है और वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।

64 Yogini Mantra Video




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