हनुमान गायत्री मंत्र (Hanuman Gayatri Mantra)


ओम् आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि|
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात ||1||

ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात||2||

ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि|
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||3||

ओम् ह्रीं ह्रीं हूँ हौं हृ: इति मूल मंत्र |

Hanuman Gayatri Mantra In English Lyrics

Om Aanjeyay Vidmahe Vayuputray Dhimahi |
Tanno: Hanuman: Prachodayat ||1||

Om Ramdutay Vidmahe Kapirajay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||2||

Om Anjanisutay Vidmahe Mahabalaay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||3||

Om Hrim Hrim Hum Houm Hri iti Mul Mantra

हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ (Meaning of Hanuman Gayatri Mantra)

हे अंजनी माता वायु देवता के पुत्र प्रभु हनुमान, हमारी आपसे प्रार्थना है, कि आप हमारी बुद्धि को सही मार्ग प्रदान करे।

हनुमान गायत्री मंत्र विधि (Hanuman Gayatri Mantra Vidhi)

हनुमान गायत्री मंत्र (Hanuman Gayatri Mantra) का जाप विशेषकर मंगलवार या शनिवार अथवा किसी भी शुभ दिन को किया जा सकता है। जाप की संख्या कम से कम 108 बार होनी चाहिए। यदि आप अधिक बार जाप करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए और भी लाभकारी होगा। हनुमान जी का जाप करके उन्हें भोग के रूप में लड्डू या देसी शुद्ध घी से बने बूंदी चढाने चाहिए। इस मंत्र का जाप करने के लिए लाल आसन पर बैठ कर उत्तर या उत्तर पूर्वी दिशा की ओर मुख करके रुद्राश की माला से १० बार मंत्र का जाप 40 दिन तक करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप दिन में 108 बार करनी चाहिए।

इसके साथ ही ब्रम्हचार्य का पालन भी करना आवश्यक है। मंगलवार के दिन निर्जल व्रत रखना चाहिए इस प्रकार सारे नियम का पालन करते हुए यदि हनुमान जी का यह सिद्धि मंत्र का जाप किया जाता है जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
जाप करते समय मन पर एकाग्रता रखना चाहिए।
जाप करते समय हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठना चाहिए।
जाप करते समय पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करना चाहिए।
जाप करते समय हनुमान जी से अपने कार्य की सफलता के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

हनुमान गायत्री मंत्र नियम (Hanuman Gayatri Mantra)

मंत्र का सही उच्चारण करना महत्वपूर्ण है। यदि आप मंत्र का सही उच्चारण नहीं कर पा रहे हैं, तो किसी योग्य गुरु से सलाह लेनी चाहिए।
मंत्र का जाप करने से पहले शुद्ध और सात्विक होना चाहिए। इसका मतलब है कि आपको स्नान करना चाहिए, साफ कपड़े पहनने चाहिए, और अपने मन को शांत करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप नियमित रूप से 7 बार 11 बार तथा 21 बार अपनी शक्ति अनुसार करनी चाहिए। हनुमान गायत्री मंत्र (Hanuman Gayatri Mantra) बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है यह हमें सीधा हनुमान जी से जोड़ता है इसलिए इस मंत्र का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए किया जाता है।
इस मंत्र का उपयोग मानव कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

हनुमान गायत्री मंत्र लाभ (Benefit of Hanuman Gayatri Mantra)

आध्यात्मिक विकास:
हनुमान गायत्री मंत्र (Hanuman Gayatri Mantra) का प्रयोग व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास को समर्थन कर सकता है। हनुमान जी को भक्तों का संरक्षक माना जाता है।

भक्ति में स्थिरता:
हनुमान गायत्री मंत्र (Hanuman Gayatri Mantra) का जाप भक्ति में स्थिरता और निष्ठा बढ़ा सकता है। इसके माध्यम से व्यक्ति भगवान हनुमान के प्रति अपनी प्रेम भावना को व्यक्त कर सकता है और उनसे संबंध स्थापित कर सकता है।

संघर्ष और समस्याओं का निराकरण:
हनुमान जी को उसके भगवान राम जी के असली सेवक के रूप में जाना जाता है जो राम भगवान के सेतु निर्माण में अपने बल और सामर्थ्य को प्रदर्शित करते हैं। हनुमान गायत्री मंत्र (Hanuman Gayatri Mantra) का प्रयोग संघर्षों और समस्याओं के समाधान में मदद कर सकता है।

शांति और सुख:
हनुमान जी को भक्तों के लिए सुख और शांति का प्रतीक माना जाता है। हनुमान गायत्री मंत्र (Hanuman Gayatri Mantra) का जाप शांति, सुख, और प्रसन्नता की प्राप्ति में सहायक हो सकता है।

यह जरूरी है कि मंत्रों का प्रयोग धार्मिक और नैतिक मूल्यों के साथ हो, और व्यक्ति को सच्चे मार्ग पर चलने में मदद करने के लिए होना चाहिए।

Hanuman Gayatri Mantra Video



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