केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra)



केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra)

ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः

om sraan sriin srown sah ketave namah

केतु बीज मंत्र अर्थ (Ketu Beej Mantra Meaning)

“ॐ” – परब्रह्म, समस्त ब्रम्हांड का प्रतिक है।

“स्रां स्रीं स्रौं सः” – मन्त्र की शक्ति और एकाग्रता को प्रकट करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला एक बीज मंत्र है

“केतवे” – केतु ग्रह के लिए (केतु को संकेत करने के लिए)

“नमः” – नमस्कार या आदर का भाव

केतु बीज मंत्र की विधि और सावधानी
 (Ketu Beej MantraVIdhi Sawdhani)

सामग्रीरुद्राक्ष माला की 108 मोतियों की
सफ़ेद चन्दन
अगरबत्ती और धुप दीपक पूजा करने के लिए
ताम्बे के कलश में जल
फूल, माला नारियल
केतु की मूर्ति या फोटो

  • विधिशुद्धि: मंत्र के जाप करने से पहले शुद्धता का ध्यान करके की मंत्र को प्रारम्भ करे।
  • स्थान: मंत्र जाप के लिए शांत और साफ़ सुथरी स्थान का चयन करे ,
  • समय: केतु मंत्र का जाप आप किसी भी समय कर सकते हो प्रातः काल का समय शुभ माना जाता है।
  • आसन: आप अपनी सहजता के अनुसार किसी में आसान में बैठकर अपनी सुविधा के अनुसार इस मंत्र का जाप कर सकते है।
  • मंत्र जाप: मंत्र का जाप सही होना बहुत की आवश्यक होता है इसलिए इस मंत्र का जाप ध्यान लगाकर करे। इस मंत्र को अपनी सुविधा के अनुसार 7 ,11 , 21 , 108 बार कर सकते है इसके अलावा आप 40 दिनो तक भी के सकते है जिस के बाद आपको इसका फलअवश्य ही मिलता है।
  • मेधावी भावना: मंत्र जाप के दौरान केतु ग्रह की शक्ति को महसूस करने का प्रयत्न करें और उनसे अच्छे फल की कामना करे।
सावधानियाँमंत्र का जाप करने के समय मन का एकाग्र होना बहुत ही आवश्यक है। पूरा ध्यान हमें मंत्र पर ही लगाना चाहिये।
आपको अपने गुरु से मंत्र को सही ढंग से करने की जानकारी अवश्य लेनी चाहिए
इस मंत्र का जाप शुद्धतः को विशेष ध्यान देकर तथा किसी गलत कार्य के लिए इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।

केतु बीज मंत्र लाभ 
(Ketu Beej Mantra Benefit)

  • केतु ग्रह के शांति: केतु बीज मंत्र का जाप ग्रह दोष को दूर करने के लिए किया जाता है इससे व्यक्ति को ग्रह से संबंधित समस्याओं में सुधार होता है।
  • ज्ञान और बुद्धि का विकास: केतु को ज्ञान का केंद्र भी कहा जाता है, और इसलिए केतु मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की बुद्धि में सुधार हो ता है साथ में ही उसे आत्मज्ञान की प्राप्ति भी होती है।
  • आत्मा के साथ संबंध: केतु को छाया ग्रह कहा जाता है जो हमारी आत्मा में छिपा हुआ रहता है। मंत्र की सहायता से व्यक्ति आत्मा के साथ अच्छा सम्बन्ध स्थापित कर सकता है।
  • अन्य ग्रहों के साथ संतुलन: केतु के संतुलन का बिगड़ना अन्य ग्रहों के साथ संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। केतु मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को ग्रहों के संतुलन में सुधार होता है।
  • दुर्भाग्य और दृष्टि दोष के निवारण: केतु बीज मंत्र का जाप करने से बुरी नजर तथा जीवन से दुर्भाग्य दूर हो जाते है।
  • मानसिक स्पष्टता और शांति: केतु बीज मंत्र का जाप करने से मानसिक स्पष्टता और शांति में वृद्धि होती है।
  • सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण: केतु बीज मंत्र का जाप करने से सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण में भी वृद्धि होती है।
  • अवसरों का आकर्षण: केतु मंत्र का जाप करने से जीवन में नये -नये अवसरों में वृद्धि होती है।
  • जीवन में सफलता: केतु मंत्र का जाप करने से हमें जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
Ketu Beej Mantra Video



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