नवनाग स्तोत्र (Navnag Stotra)



अनंतं वासुकि शेष पद्मनाभं च कम्बलम्।

शड्खपाल धार्तराष्ट्र तक्षकं कालियं तथा।।

एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।

सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातः काले विशेषतः।।

तस्मे विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयीं भवेत्।

Navnag Stotra in English Lyrics

anantam vaasuki shesh padmanaabham ch kambalam.

shaḍkhapaal dhaartaraashṭr takshakam kaaliyam tathaa..

etaani nav naamaani naagaanaan ch mahaatmanaam.

saayankaale paṭhennityam praatah kaale visheshatah..

tasme vishabhayam naasti sarvatr vijayiin bhavet.

कौन है 9 नाग देवता

नवनाग स्त्रोत्र (Navnag stotra) में स्तुति की जाने वाली 9 नाग देवताओं के नाम –अनंतनाग: अनंत को अनंत ज्ञान और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, और माना जाता है कि वे ब्रह्मांड को संतुलन में रखते हैं।

वासुकीनाग: वासुकी को विष्णु के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है और समुद्र मंथन में उनके शरीर का उपयोग रस्सी के रूप में किया गया था।
शेषनाग: शेषनाग भगवान विष्णु की शय्या के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें पृथ्वी को संतुलन में रखने की शक्ति से भी जोड़ा जाता है।
पद्मनाभनाग: पद्मनाभ को उनके विष्णु के नाभि कमल से उद्भव के लिए जाना जाता है, और उन्हें समृद्धि और बहुतायत का प्रतीक माना जाता है।
कम्बलनाग: कम्बल को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। उन्हें मंत्रों और रहस्यों के संरक्षक के रूप में भी देखा जाता है।
शंखपालनाग: शंखपाल को सुरक्षा और संरक्षण का प्रतीक माना जाता है। उन्हें भक्तों को भय और बुराई से बचाने के लिए जाना जाता है।
धार्तराष्ट्रनाग: धार्तराष्ट्र को धैर्य और दृढ़ता का प्रतीक माना जाता है। उन्हें चुनौतियों का सामना करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए जाना जाता है।
तक्षकनाग: तक्षक को नागों का राजा माना जाता है। उन्हें बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
कालियनाग: कालिय को एक विषैले नाग के रूप में चित्रित किया गया है जिसे भगवान कृष्ण ने नलदमयंतकथा में पराजित किया था। इनके नाम का अर्थ “काल”अथवा “मृत्यु” है, और इनके नाम को अक्सर बुराई और नकारात्मकता का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

नवनाग स्तोत्र विधि (Navnag Stotra Vidhi)

पवित्रता: स्तोत्र का पाठ करने से पहले, अपने शरीर को धोकर शुद्ध करें।
आसन: सुखासन या पद्मासन में बैठें ताकि आप ध्यान में रह सकें।
ध्यान और समर्पण: पूरा ध्यान नाग देवता की स्तुति पर लगाए और अपनी भक्ति भगवान के प्रति समर्पित करें।
प्राणायाम: कुछ शांति प्राप्ति के लिए प्राणायाम अभ्यास करें।
मंत्र उच्चारण: नवनाग स्तोत्र (Navnag Stotra) के मंत्रों का जाप करें। ध्यानपूर्वक और श्रद्धाभाव से मंत्रों का पाठ करें।
श्रद्धा और भावना: मंत्रों को पढ़ते समय श्रद्धा और भावना के साथ करें, और नाग देवताओं की कृपा की प्रार्थना करें।
ध्यान: ध्यान करते हुए दिव्य स्वरूप में नाग देवताओं को मन में धारण करें और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करें।
धन्यवाद: स्तोत्र का पाठ करने के बाद भगवान को धन्यवाद दें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करे।

नवनाग स्तोत्र लाभ (Navnag Stotra Benefit)

सर्पदंश के भय को दूर करना:
नवनाग स्तोत्र में नौ प्रमुख नाग देवताओं की स्तुति की जाती है। नाग देवताओं को सर्पों के स्वामी माना जाता है। इसलिए, माना जाता है कि नवनाग स्तोत्र का पाठ करने से सर्पदंश का भय दूर होता है।

कालसर्प दोष के संभावित प्रभावों को कम करना:
कालसर्प दोष एक प्रकार का ज्योतिषीय दोष है जो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। माना जाता है कि नवनाग स्तोत्र का पाठ करने से कालसर्प दोष के संभावित प्रभावों को कम किया जा सकता है।

समृद्धि, सफलता और आत्मविश्वास प्राप्त करना:
नवनाग स्तोत्र के पाठ से मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन प्राप्त होता है। इससे व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।

नकारात्मक ऊर्जा दूर करना और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाना:
स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे व्यक्ति का जीवन सुखमय और समृद्ध बनता है।

नागों की कृपा:
नाग स्तोत्र का पाठ करने से नाग देवताएँ आप पर कृपा कर सकती हैं, जिससे आपको भय मुक्ति, रोग निवृत्ति और आध्यात्मिक उन्नति हो सकती है।

रोग निवारण:
नाग स्तोत्र का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक रोगों की निवृत्ति हो सकती है।

धन लाभ:
नाग स्तोत्र का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को धन और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
बच्चों की सुरक्षा:
नाग स्तोत्र का पाठ करने से पुत्रत्व की प्राप्ति में सहायता हो सकती है और बच्चों की सुरक्षा के लिए भी आस्तित्व हो सकता है।

दुर्भाग्य शांति:
नाग स्तोत्र का पाठ करने से दुर्भाग्य और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम हो सकता है और शुभ फल प्राप्त हो सकता है।

आत्मा की उन्नति:
नाग स्तोत्र का पाठ करने से आत्मा की उन्नति होती है और व्यक्ति आध्यात्मिक साधना में प्रगट हो सकता है।

कष्ट निवारण:
नाग स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आने वाले कष्टों और परेशानियों का निवारण हो सकता है।

Navnag Stotra Video



Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post