संगठन मंत्र (Sangathan Mantra)



प्रथम श्लोक

ॐ संगच्छध्वम् सं वद्धवम् सं वो मनाँसि जानताम् ।
देवा भागम् यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते ।।

द्वितीय श्लोक

समानो मन्त्र: समिति: समानी समानं मन: सह चित्तमेषाम्
समानं मन्त्रमभि मन्त्रये व: समानेन वो हविषा जुहोमि ।।

तृतीया श्लोक

समानी व आकूति: समाना ह्र्दयानि व: ।
समानमस्तु वो मनो यथा व: सुसहासति ।।

।। ॐ शांति: शांति: शांति: ।।

संगठन मंत्र का अर्थ (Sangathan Mantra)

पहला श्लोक

पग से पग मिलकर चलो ,स्वर से स्वर मिलकर बोलो ,तुम्हारे मन में समय ज्ञान हो ,पूर्व कल में जैसे देवों ने अपना भाग प्राप्त किया ,एक साथ मिलकर बुद्धि से कार्य करने वाले उसी प्रकार अपना-अपना अभीष्ट प्राप्त करते है।

दूसरा श्लोक

मिलकर कार्य करने वालों का मंत्र सामान होता है चित्त सहित इनका मन सामान होता है। मैं तुम्हे मिलकर समान निष्कर्ष पर पहुंचने की प्रेरणा देता हूँ ,तुम्हे सामान भोज्य प्रदान करता हूँ।

तीसरा श्लोक

हम सभी के संकल्प एक सामान हो ,हम सभी के ह्रदय की इच्छाएं एक सामान हो ,हम सभी के विचार एक सामान हो जिनसे की हम सब में पूर्ण समरसता आए

ॐ शांति हो ,ॐ शांति हो ,ॐ शांति हो ||

संगठन मंत्र का महत्व (Sangathan Mantra Importance)

संगठन का महत्व:
संगठन मंत्र में संगठन के महत्व को बताया गया है। संगठन को शक्ति, वीरता, धर्म, संस्कृति, राष्ट्र-विकास, राष्ट्र-उन्नति, राष्ट्र-रक्षा, धर्म, सत्य, नीति और शक्ति का आधार माना गया है। संगठन को सर्वस्व और जीवन का आधार माना गया है।

संगठन और सुख-शांति:
संगठन मंत्र में कहा गया है कि जिस देश में संगठन नहीं, वहाँ सुख-शांति नहीं। संगठन ही देश को एकता और शक्ति प्रदान करता है। संगठन से ही देश में सुख-शांति आती है।

संगठन और शक्ति:
संगठन मंत्र में कहा गया है कि संगठन ही शक्ति है। संगठन से ही वीरता का जन्म होता है। संगठन से ही राष्ट्र का विकास और उन्नति होती है। संगठन से ही राष्ट्र की रक्षा होती है।

संगठन और धर्म:
संगठन मंत्र में कहा गया है कि संगठन ही धर्म है। संगठन ही संस्कृति को संरक्षित करता है। संगठन से ही राष्ट्र की उन्नति होती है।

संगठन और सर्वस्व:
संगठन मंत्र में कहा गया है कि संगठन ही सर्वस्व है। संगठन ही जीवन है। संगठन ही आधार है। संगठन ही विश्वास है।

संगठन मंत्र के लाभ (Sangathan Mantra Benefit)

राष्ट्र के महत्व को समझना:
संगठन मंत्र संगठन के महत्व को समझने में मदद करता है। संगठन ही शक्ति, वीरता, धर्म, संस्कृति, राष्ट्र-विकास, राष्ट्र-उन्नति, राष्ट्र-रक्षा, धर्म, सत्य, नीति और शक्ति का आधार है।

राष्ट्र के प्रति समर्पण:
संगठन मंत्र संगठन के प्रति समर्पण को बढ़ावा देता है। संगठन ही कार्यकर्ताओं का सर्वस्व है। संगठन ही कार्यकर्ताओं का जीवन है। संगठन ही कार्यकर्ताओं का आधार है।

राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा:
संगठन मंत्र राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देता है। संगठन ही देश को एकता और शक्ति प्रदान करता है। संगठन से ही देश में सुख-शांति आती है।

धर्म और संस्कृति को संरक्षित:
संगठन मंत्र धर्म और संस्कृति को संरक्षित करने में मदद करता है। संगठन ही धर्म का पालन करने का आधार है। संगठन ही संस्कृति को संरक्षित करता है।

राष्ट्र के विकास और उन्नति में योगदान:
संगठन मंत्र राष्ट्र के विकास और उन्नति में योगदान देता है। संगठन से ही राष्ट्र का विकास और उन्नति होती है। संगठन ही देश को मजबूत और स्वावलंबी बनाता है।

Sangathan Mantra Video



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