संतान गोपाल मंत्र (Santana Gopala Mantra)
ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
uun devakii sut govind vaasudev jagatpate .
dehi me tanayam kṛshṇ tvaamaham sharaṇam gat:..
संतान गोपाल मंत्र अर्थ (Santana Gopala Mantra Meaning)
हे देवकी के पुत्र गोविंद! हे वासुदेव! हे जगत के पालक! मुझे पुत्र प्रदान करो। मैं आपकी शरण में हूं।
संतान गोपाल मंत्र लाभ (Santana Gopala Mantra Benefit)
संतान प्राप्ति में सहायता:
संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से संतान प्राप्ति में सहायता मिलती है। यह मंत्र संतान प्राप्ति की बाधाओं को दूर करता है और संतान प्राप्ति की संभावना को बढ़ाता है।
परिवार की सुख-शांति:
संतान के प्राप्ति से सम्बंधित इस मंत्र का अनुष्ठान करने से परिवार में सुख शांति की वृद्धी होती है।
धार्मिक उन्नति:
यदि कोई व्यक्ति इस मंत्र का जाप सच्चे मन से भक्ति भाव से करता है तोधार्मिक उन्नति की दिशा में बढ़ता है।
संतान का विकास:
संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से संतान का विकास अच्छा होता है। यह मंत्र संतान को बुद्धिमान, सुंदर और स्वस्थ बनाने में मदद करता है।
संतान का भविष्य उज्ज्वल:
संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से संतान का भविष्य उज्ज्वल होता है। यह मंत्र संतान को सभी सुखों और सफलताओं से परिपूर्ण बनाता है।
आनंद और शांति:
मान्यता के अनुसार, इस मंत्र का अनुष्ठान व्यक्ति को मानसिक शांति, आनंद, और सुख देने में मदद कर सकता है।
संतान के स्वास्थ्य में सुधार:
संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से संतान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इस मंत्र का जाप करने से संतान को किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है।
मानसिक शांति:
संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है। यह मंत्र तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने में मदद करता है।
आर्थिक समृद्धि:
संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से आर्थिक समृद्धि मिलती है। यह मंत्र धन-धान्य और सुख-समृद्धि को बढ़ाने में मदद करता है।
संतान गोपाल मंत्र विधि (Santana Gopala Mantra Vidhi)
पूजा और ध्यान – सबसे पहले, एक शान्त, पवित्र और स्वच्छ स्थान का चयन करें। एक गोलाकार कुश या आसन पर बैठें। माता या संतान गोपाल की मूर्ति के सामने बैठें या मंत्र का जप करने के लिए आत्म-प्रतिष्ठान करें। ध्यान लगाएं और मंत्र का जप शुरू करें।
नियमितता – मंत्र का नियमित रूप से जप करें, बेहतर है कि इसे दिन में किसी निश्चित समय और स्थान पर करें। नियमित जप के लिए 108 मोतियों वाली जपमाला का उपयोग करे।
भक्ति और श्रद्धा – मंत्र जप के दौरान भक्ति भाव से जप करें और मानसिक रूप से बालक की प्रतीति करें। मंत्र जप के दौरान भक्ति भाव से जप करें और मानसिक रूप से बालक की प्रतीति करें।
आरती और प्रणाम – मंत्र जप के बाद सभी देवी देवताओं की आरती उतार कर प्रणाम करना चाहिए।
संतान गोपाल स्तोत्र - यदि आप चाहो तो संतान गोपल मंत्र का जप करने के पश्चात आप संतान गोपाल स्त्रोत का जाप भी क्र सकते है।
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