सूर्य गायत्री मंत्र (Surya Gayatri Mantra)



सूर्य गायत्री मंत्र विधि (Surya Gayatri Mantra Vidhi)

सूर्य गायत्री मंत्र जप करने की विधि निम्नानुसार है :ध्यान और साधना: सुबह – सुबह शांत, सुस्थिर और साफ मंदिर या अपने आसन पर बैठें।

संकल्प: मानसिक रूप से अपने उद्देश्य को ध्यान में रखें कि आप सूर्य गायत्री मंत्र (Surya Gayatri Mantra) का जाप कर रहे हैं और सूर्य देवता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का संकल्प करें।

माला और उच्चारण: हाथ में माला को लेकर ध्यान में बैठें और माला के हर बीज में मंत्र का उच्चारण करें। प्राय: १०८ बार का जाप किया जाता है, लेकिन आप अपनी साधना और समय के अनुसार जाप की संख्या निर्धारित कर सकते हैं।

ध्यान: मंत्र के जाप के दौरान अपने मन को शांत और सूर्य देवता की ओर ध्यान केंद्रित करे। सूर्य देवता की ऊर्जा और प्रकाश को अनुभव करने का प्रयास करें।

समापन: अपनी साधना को समाप्त करते समय, धन्यवाद करें और उसी ऊर्जा के साथ अपने दैनिक जीवन में सूर्य की कृपा का अनुभव करने का संकल्प लें।

ध्यान दें कि सूर्य गायत्री मंत्र (Surya Gayatri Mantra) का उच्चारण सही ढंग से किया जाए और साधना को नियमित रूप से किया जाना चाहिए ताकि आप सूर्य देवता की कृपा और शक्ति को प्राप्त कर सकें।

सूर्य गायत्री मंत्र (Surya Gayatri Mantra)

ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयत।।

सूर्य गायत्री मंत्र अर्थ (Meaning of Surya Gayatri Mantra)

हे सूर्य देवता मैं आपको प्रणाम करता हूँ, हमें आपके ज्ञान से रोशन करे और आपके प्रकाश के समान ही मेरे जीवन को प्रकशित करे।

Surya Gayatri Mantra Video



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