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Katha


  • Ganesh Ji Ki Katha (गणेश जी की कथा) भगवान गणेश (Ganesh), जिन्हें गणपति के नाम से भी जाना जाता है, की कथा हिंदू पौराणिक कथाओं में गहरी श्रद्धा और स्नेह का स्थान रखती है। Read More..


  • Satyanarayan bhagwan ki katha भगवान सत्यनारायण ( जो की विष्णु अवतार है )का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है , प्रमुखतः सालगिरह , गृह प्रवेश , जन्म दिवस या किसी विशेष खुसी के पर्व पर यह कथा कराई जाती है। Read More....

  • Somwar Vrat Katha (सोमवार व्रत कथा) भारतीय परंपरा और हिंदू धर्म में तीज-त्योहारों का अपना ही विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी ईष्टदेव का पुजन किया जाता है। Read More..


  • Mangalwar Varat Katha मंगलवार व्रत कथा  हिंदू धर्म में सप्ताह के सभी दिनों का अपना ही एक विशेष महत्व है और प्रत्येक दिन को अलग-अलग देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए निर्धारित किया गया है। Read More..

  • बुधवार व्रत कथा Budhwar Varat Katha हिंदू धर्म में प्रत्येक वार या दिन का अपने में ही एक अलग महत्व है। बुधवार को बुद्धदेव का दिन माना जाता है और इसका संबंध बुद्धि या ज्ञान से होता है। वहीं बुध ग्रह ज्ञान, कार्य, बुद्धि, व्यापार आदि का कारक है, Read More..


  • बृहस्पतिवार व्रत कथा Guruwar Varat Katha हिंदू कैलेंडर के अनुसार सप्ताह में 7 दिन होते हैं और प्रत्येक दिन का अपना अलग ही महत्व है। हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक दिन को अलग-अलग देवी देवताओं के पूजन के लिए निश्चित किया गया है। Read More..


  • शुक्रवार व्रत कथा shukrawar Varat Katha पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बुढ़िया थी जिसके सात बेटे थे। सातों भाइयों में से एक बहुत ही निक्कमा था तो बाकि बहुत ही काबिल व मेहनती थे। Read More..

  • शनिवार व्रत कथा shaniwar Varat Katha बहुत समय पहले की बात है, जब देवी-देवता, ऋषि-मुनि आदि स्वर्ग लोक से लेकर भूलोक तक विचरण कर सकते थे। एक बार स्वर्गलोक में वास कर रहे 9 ग्रहों के बीच विवाद छिड़ गया कि सबसे बड़ा और शक्तिशाली ग्रह कौन है। Read More..


  •  रविवार व्रत कथा ravivar Varat Katha प्राचीन काल में एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी। वह हर रविवार प्रात:काल उठकर स्नानादि के बाद अपने घर आंगने को गाय के गोबर से लीपती फिर सूर्यदेव की पूजा करती और उन्हें भोग लगाकर स्वयं भोजन करती थी Read More.. 


  • महालक्ष्मी व्रत कथा Mahalaxmi Varat Katha हिंदू धर्म में गजलक्ष्मी व्रत यानि महालक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है। भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन से यह व्रत शुरू होता है और 16 दिन तक यह व्रत किया जाता है। इस व्रत में मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।  Read More..


  • साईं बाबा व्रत कथा Sai Baba Varat Katha साईं बाबा(sai baba) का व्रत गुरुवार को रखने का प्रावधान है। इस व्रत को किसी भी गुरुवार से शुरु किया जा सकता है। किसी भी तरह की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए इस व्रत को रखना चाहिए। Read More..


  •  चतुर्थी व्रत कथा chaturthi Varat Katha चतुर्थी व्रत कथा: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के संबंध में एक कथा लोक प्रसिद्ध है। कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती के मन में ख्याल आता है कि उनका कोई पुत्र नहीं है।Read More..


  • प्रदोष व्रत कथा Pradosh Vrat Katha वैसे तो हर वार के अनुसार प्रदोष व्रत(pradosh vrat) कथा का श्रवण किया जाता है। परंतु एक बहुत ही प्रचलित कथा है। एक गांव में एक निर्धन विधवा ब्राह्मणी रहती थी और ब्राह्मणी का एक पुत्र भी था। Read More..


  • कालाष्टमी कथा kalashtami Varat Katha कालाष्टमी कथा: शिवपुराण के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव (kaal bhairava) का जन्म हुआ था। मान्यता है कि कालभैरव का व्रत रखने से उपासक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है Read More..


  • रोहिणी व्रत कथा Rohini Vrat Katha जैन समुदाय पवित्र पर्व है रोहिणी व्रत (rohini vrat), जिसको अन्य धर्म के लोग भी बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। यह व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं। Read More..




  • हनुमान जयंती व्रत कथा hanuman-jayanti varat Kathaहनुमान भक्तों के लिए हनुमान जयंती(hanuman jayanti) का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी को रामभक्त माना जाता है। हनुमान को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है। Read More..




  • नगुला चविथी व्रत कथा Nagula Chavithi Varat Katha हिंदू धर्म में सर्पों का अपना ही एक अलग महत्व है इसलिए सर्प समुदाय के प्रति कतृज्ञता व्यक्त करने के लिए नगुला चविथी(nagula chavithi) का पर्व मनाया जाता है। Read More..


  • शरद पूर्णिमा व्रत की कथा sharad-purnima varat katha शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) की पौराणिक कथा भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोपियों संग महारास रचाने से तो जुड़ी ही है लेकिन इसके महत्व को बताती एक अन्य कथा भी मिलती है जो इस प्रकार है। Read More..


  • अहोई अष्टमी व्रत कथा ahoi ashtami varat katha हिंदू पंचाग की कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी( ahoi ashtami) मनाए जाने का प्रावधान है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अपनी संतान की रक्षा और दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हैं। Read More..


  • छठ व्रत कथा chhath Varat Katha कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पर्व(chhath) मनाए जाने का प्रावधान है। यह चार दिवसीय पर्व बिहार में प्रमुख पर्व के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है Read More..


  • बसंत पंचमी व्रत कथा Basant Panchami Varat Katha माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूरे देशभर में बसंत पंचमी (basant panchami) का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का प्रावधान है।  Read More..


  • मां मंगला गौरी व्रत कथा Mangala Gauri Varat Katha हिंदू धर्म में प्रत्येक पूजा का अपना ही एक अलग महत्व होता है और हर पूजा को किसी न किसी उद्देश्य की वजह से किया जाता है। यदि आपके विवाह में कोई बाधा आ रही हो या Read More..


  • जितिया व्रत कथा  Jitiya Varat Katha जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया अथवा जितिया(jitiya) भी कहा जाता है इसकी भी एक कथा मिलती है। बहुत समय पहले की बात है कि गंधर्वों के एक राजकुमार हुआ करते थे  Read More..


  • सकट चौथ व्रत कथा Sakat Chauth Varat Katha सारे संकटों को दूर करने के लिए माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ(sakat chauth) का व्रत किया जाता है। यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु और सफलता के लिए करती हैं। Read More..


  •  वट सावित्री व्रत कथा Vat Savitri Varat Katha वट सावित्री(vat savitri) व्रत की यह कथा सत्यवान-सावित्री के नाम से उत्तर भारत में विशेष रूप से प्रचलित हैं। कथा के अनुसार एक समय की बात है कि मद्रदेश में अश्वपति नाम के धर्मात्मा राजा का राज था। उनकी कोई भी संतान नहीं थी। राजा ने संतान हेतु यज्ञ करवाया।Read More..


  • अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा Anant Chaturdashi Varat Katha भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी(anant chaturdashi) का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के बाद अनंत सूत्र बांधा जाता है। इस व्रत से जुड़ी एक लोककथा है। Read More..


  • भाई दूज व्रत कथा Bhai Dooj Varat Katha हिंदू धर्म में भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह को दर्शाने के लिए रक्षाबंधन और भाई दूज (Bhai Dooj) जैसे पर्व मनाए जाने की परंपरा है। वहीं दीपावली के दो दिन बाद भाई दूज मनाई जाती है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं Read More..


  • नरसिंह जयंती Narasimha Jayanti Varat Katha भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह भगवान माने जाते हैं। बैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती(narasimha jayanti) मनाई जाती है। पौराणिक कथानुसार, महर्षि कश्यप और अदिति के हिरण्याक्ष  Read More..

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